सूरह अल-इखलास (निष्ठा) سُورَة الإخلاص

सूरह अल-इखलास क़ुरआन की एकसौ बारहवीं सूरह है, जो मक्का में अवतरित हुई। इसमें 4 आयतें हैं और इसमें अल्लाह की एकता और उसकी शुद्धता के बारे में चर्चा की गई है।

अनुवाद: सूरह अल-इख़्लास (निष्ठा) سُورَة الإخلاص

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं।

قُلْ هُوَ اللَّهُ أَحَدٌ ١

कहो, "वह अल्लाह यकता है, (१)

اللَّهُ الصَّمَدُ ٢

अल्लाह निरपेक्ष (और सर्वाधार) है, (२)

لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ ٣

न वह जनिता है और न जन्य, (३)

وَلَمْ يَكُنْ لَهُ كُفُوًا أَحَدٌ ٤

और न कोई उसका समकक्ष है।" (४)