सूरह अल-काफ़िरून (अविश्वासी) سُورَة الكافرون

सूरह अल-काफ़िरून क़ुरआन की एकसौ नौवीं सूरह है, जो मक्का में अवतरित हुई। इसमें 6 आयतें हैं और इसमें विश्वास और अविश्वास के बीच अंतर, और अल्लाह के सच्चे रास्ते की पुष्टि की गई है।

अनुवाद: सूरह अल-काफ़िरून (अविश्वासी) سُورَة الكافرون

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं।

قُلْ يَا أَيُّهَا الْكَافِرُونَ ١

कह दो, "ऐ इनकार करनेवालो!" (१)

لَا أَعْبُدُ مَا تَعْبُدُونَ ٢

मैं वैसी बन्दगी नहीं करूँगा जैसी बन्दगी तुम करते हो, (२)

وَلَا أَنْتُمْ عَابِدُونَ مَا أَعْبُدُ ٣

और न तुम वैसी बन्दगी करनेवाले हो जैसी बन्दगी में करता हूँ (३)

وَلَا أَنَا عَابِدٌ مَا عَبَدْتُمْ ٤

और न मैं वैसी बन्दगी करनेवाला हूँ जैसी बन्दगी तुमने की है (४)

وَلَا أَنْتُمْ عَابِدُونَ مَا أَعْبُدُ ٥

और न तुम वैसी बन्दगी करनेवाला हुए जैसी बन्दगी मैं करता हूँ (५)

لَكُمْ دِينُكُمْ وَلِيَ دِينِ ٦

तुम्हारे लिए तूम्हारा धर्म है और मेरे लिए मेरा धर्म!" (६)