सूरह अल-क़ुरैश (क़ुरैश) سُورَة قريش

सूरह अल-क़ुरैश क़ुरआन की एकसौ छठी सूरह है, जो मक्का में अवतरित हुई। इसमें 4 आयतें हैं और इसमें क़ुरैश समुदाय के व्यापार, उनके संरक्षण और अल्लाह की कृपा पर चर्चा की गई है।

अनुवाद: सूरह क़ुरैश (क़ुरैश) سُورَة قريش

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं।

لِإِيلَافِ قُرَيْشٍ ١

कितना है क़ुरैश को लगाए और परचाए रखना, (१)

إِيلَافِهِمْ رِحْلَةَ الشِّتَاءِ وَالصَّيْفِ ٢

लगाए और परचाए रखना उन्हें जाड़े और गर्मी की यात्रा से (२)

فَلْيَعْبُدُوا رَبَّ هَٰذَا الْبَيْتِ ٣

अतः उन्हें चाहिए कि इस घर (काबा) के रब की बन्दगी करे, (३)

الَّذِي أَطْعَمَهُمْ مِنْ جُوعٍ وَآمَنَهُمْ مِنْ خَوْفٍ ٤

जिसने उन्हें खिलाकर भूख से बचाया और निश्चिन्तता प्रदान करके भय से बचाया (४)