सूरह अल-कौथर (वृद्धि) سُورَة الكوثر

सूरह अल-कौथर क़ुरआन की एकसौ आठवीं सूरह है, जो मक्का में अवतरित हुई। इसमें 3 आयतें हैं और इसमें अल्लाह के आशीर्वाद, उसकी कृपा और उसकी देने वाली शक्ति पर चर्चा की गई है।

अनुवाद: सूरह अल-कौसर (प्रचुरता) سُورَة الكوثر

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं।

إِنَّا أَعْطَيْنَاكَ الْكَوْثَرَ ١

निश्चय ही हमने तुम्हें कौसर प्रदान किया, (१)

فَصَلِّ لِرَبِّكَ وَانْحَرْ ٢

अतः तुम अपने रब ही के लिए नमाज़ पढ़ो और (उसी के दिन) क़़ुरबानी करो (२)

إِنَّ شَانِئَكَ هُوَ الْأَبْتَرُ ٣

निस्संदेह तुम्हारा जो वैरी है वही जड़कटा है (३)