सूरह अल-फील (हाथी) سُورَة الفيل

सूरह अल-फील क़ुरआन की एकसौ पाँचवीं सूरह है, जो मक्का में अवतरित हुई। इसमें 5 आयतें हैं और इसमें अब्राहा और उसके हाथी के साथ मक्का पर हमले की कहानी और अल्लाह के आदेशों के बारे में चर्चा की गई है।

अनुवाद: सूरह अल-फील (हाथी) سُورَة الفيل

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं।

أَلَمْ تَرَ كَيْفَ فَعَلَ رَبُّكَ بِأَصْحَابِ الْفِيلِ ١

क्या तुमने देखा नहीं कि तुम्हारे रब ने हाथीवालों के साथ कैसा बरताव किया? (१)

أَلَمْ يَجْعَلْ كَيْدَهُمْ فِي تَضْلِيلٍ ٢

क्या उसने उनकी चाल को अकारथ नहीं कर दिया? (२)

وَأَرْسَلَ عَلَيْهِمْ طَيْرًا أَبَابِيلَ ٣

और उनपर नियुक्त होने को झुंड के झुंड पक्षी भेजे, (३)

تَرْمِيهِمْ بِحِجَارَةٍ مِنْ سِجِّيلٍ ٤

उनपर कंकरीले पत्थर मार रहे थे (४)

فَجَعَلَهُمْ كَعَصْفٍ مَأْكُولٍ ٥

अन्ततः उन्हें ऐसा कर दिया, जैसे खाने का भूसा हो (५)